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8 February 2017

938 दिल प्यार बेक़रार नादान पागल अमानत समझ इंतज़ार शायरी


938
कितना समझाया दिलको,
कि तू प्यार ना कर;
किसीके लिए खुदको,
बेक़रार ना कर...
वो तेरे लिए नहीं हैं नादान;
पागल, किसी औरकी अमानतका,
इंतज़ार ना कर