6541
मेरी आहका तुम,
असर देख लेना...
वो आएँगे थामे जिगर,
देख लेना.......!
6542
मुफ़्तमें
नहीं मिलता यहाँ
कुछ यारों...
जब दिलसे आह निकलती
हैं,
तो ही लोगोंकी
वाह निकलती हैं...!
एक ऐसा भी
वक़्त होता हैं,
मुस्कुराहट
भी आह होती
हैं.......!!!
जिगर मुरादाबादी
6543
इधरसे भी हैं,
सिवा कुछ उधरकी मजबूरी...
कि हम ने आह तो की,
उनसे आह भी न हुई.......
जिगर मुरादाबादी
इधरसे भी हैं,
सिवा कुछ उधरकी मजबूरी...
कि हम ने आह तो की,
उनसे आह भी न हुई.......
जिगर मुरादाबादी
6544
मैं ज़ुल्मते शबमें ले
के निकलूंगा,
अपने दर मांदा
कारवाँको;
शरर फ़शां होगी आह
मेरी,
नफ़स मेरा शोला
बार होगा...
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शायरोसे क्या पुछते हो,
शायरी क्या होती
हैं...
दरदे दिलसे,
दरदे दिलसे,
आह जो
निकल आती हैं...
प्यार करने वालोसे पुछो,
प्यार करने वालोसे पुछो,
मुहब्बत क्या
होती हैं...
टूटे दिलसे पुछो,
अपनोंसे
रुकसत क्या होती
हैं.......