6041
मुमकिन नहीं चमनमें,
दोनोंकी ज़िद हो पूरी...
या बिजलियाँ रहेंगी,
या आशियाँ रहेगा...
6042
अब बिजलियोंका ख़ौफ़ भी,
दिलसे निकल गया l
ख़ुद मेरा आशियाँ,
मिरी आहोंसे जल गया ll
6043
बिजलियाँ भी टूटेंगी,
जलजले भी आयेंगे...
फूल मुस्कराये हैं,
और फूल मुस्करायेंगे...!
6044
हजार बर्क गिरें,
लाख आँधियाँ उठें...
वह फूल खिलके
रहेंगे,
जो खिलने वाले हैं...!
साहिर लुधियानवी
6045
क़फ़ससे आशियाँ तब्दील करना.
बात ही क्या थी...
हमें देखो कि हमने,
बिजलियोंसे आशियाँ बदला...!!!
महज़र लखनवी