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22 March 2017

1124 दिल मुहोब्बत गम तंग सताऐ खिलौना समझ शायरी


1124
ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं,
मुहोब्बतका गम दिलपें उठाऐ हुऐ हैं l
खिलौना समझकर हमसे ना खेलो,
हम भी उसी खुदाके बनाऐ हुऐ हैं ll