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11 July 2016

367 दिल मोहब्बत इश्क़ मिला दर्द टूट हाथ तोड बिखर शायरी


367

Bikhar, Scatter

दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसीसे;
इश्क़में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा;
एक दिन टूटकर बिखर जायेगा अपनोंके हाथोंसे;
किसने तोडा ये भी किसीसे कह नहीं पायेगा...

My Heart, Don't love with anyone so intensely;
You may not bear the pains of Love;
One day you will scatter by breaking yourselves;
And may not be able to tell Who broke it...