Showing posts with label दिल मोहब्बत धड़कन महबूब दुनियाँ जज़्बात तन्हा दर्द मुद्दत शहर शायरी. Show all posts
Showing posts with label दिल मोहब्बत धड़कन महबूब दुनियाँ जज़्बात तन्हा दर्द मुद्दत शहर शायरी. Show all posts

4 June 2018

2831 - 2835 दिल मोहब्बत धड़कन महबूब तलाश याद बात नाम पत्थर दुनियाँ जज़्बात तन्हा दर्द मुद्दत शहर शायरी


2831
सिर्फ गुलाब देनेसे अगर,
मोहब्बत हो जाती,
तो माली सारेशहर’ का,
महबूब बन जाता.......

2832
ढूंढ तो लेते तुम्हे हम,
शहरमें भीड़ इतनी भी थी,
पर रोक दी तलाश हमने क्यूंकि...
तुम खोये नहीं थे, खोना चाहते थे !

2833
तुझे याद करना करना,
अब मेरे बसमें कहाँ...
दिलको आदत हैं,
हर धड़कनपें तेरा नाम लेनेकी...!

2834
पत्थरकी दुनियाँ जज़्बात हीं समझती,
दिलमें क्या हैं वो बात हीं समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारोंके बीचमें हैं,
पर चाँदका दर्द वो रात हीं समझती...

2835
मुद्दतों बाद लौटे हैं,
तेरे शहरमें,
एक तुझे छोड़...
और तो कुछ बदला नहीं.......!