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23 March 2021

7311 - 7315 दिल यकीन ज़िन्दगी वक़्त लम्हात जज्बात अंदाज पुकार साथ राह मोड़ शायरी

 

7311
ज़िन्दगीके हर मोड़पर,
तुम साथ रहना...
चाहे दूर रहो पर,
हमेशा दिलके पास रहना...

7312
जिंदगीके किसी मोड़पर,
अगर तुम लौट भी आये,
तो क्या हैं...
वो लम्हात, वो जज्बात, वो अंदाज...
तो ना अब लौटेंगे कभी,
और शायद...
मेरी तुम्हारे लिए तड़प भी...

7313
खड़ा हूँ उसी मोड़पर,
मैं वापिस लौटा नहीं...
पहले कहा, चुप रहो...
फिर पुकारा भी नहीं.......

7314
ज़िंदगी तुझे अपने ही सफ़रमें,
हम कैसे खो देते हैं...
राह बड़ी सीधी हैं,
मोड़ तो सारे मनके हैं.......!

7315
यकीनन वो अगले मोड़पें,
नहीं रुकने वाला;
मैंने देखा हैं उसे,
वक़्तसे तेज़ भागते हुए ll