2271
न वो आ सके, न हम कभी जा सके !
न दर्द दिलका किसीको सुना सके !
बस बैठे हैं यादोंमें उनकी !
न उन्होंने याद किया और...
न हम उनको भुला सके !
2272
अच्छा लगता हैं,
तेरा नाम मेरे नामके साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो,
किसी हसीन शामके साथ...
2273
वो अपनी तन्हाईकी खातिर
फिर आ मिली मुझसे
हम नादान ये समझे,
हमारी दुआओंमें असर हैं।
2274
उन्हें छोड़ दूँ...
उन्हें भुल जाऊँ...
कैसी बाते करते हो,
मुझे तो उनके नामके लोग
भी,
अच्छे लगते हैं.......
2275
क्या बताऊँ कितना
मुश्किल हैं जीना,
जिसके लिए हैं जीना,
उसके बिना ही जीना !