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4 March 2018

2431 - 2435 दिल वफा दुनियाँ ज़िंदगी मुलाक़ात इत्तफाक जज्बात मुश्किल गम बरसात याद पलकें वादा चाह शायरी


2431
दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तफाक हैं !
यह तो दिलोंकी मुलाक़ात हैं !!
दोस्ती नहीं देखती यह दिन हैं की रात हैं !
इसमें तो सिर्फ वफादारी और जज्बात हैं !!

2432
"क्युँ मुश्किलोंमें साथ देते हैं दोस्त,
क्युँ गमको बांट लेते हैं दोस्त,
ना रिश्ता खूनका ना रिवाजसे बंधा,
फिरभी जिन्दगीभर साथ देते हैं दोस्त !!!

2433
बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो,
धूप आये तो सरसों पीली न हो,
ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि,
तेरी याद आये और पलकें गीली न हों।

2434
तु कितनी भी खुबसुरत,
क्यूँ ना हो ए ज़िंदगी,
खुशमिजाज़ दोस्तोंके बगैर,
तू अच्छी नहीं लगती.......

2435
वादा करो अगर तुम निभा सको,
चाहो उसको जिसे तुम पा सको,
दोस्त तो दुनियाँमें बहुत होते हैं,
पर एक खास रखो जिसके बिना ,
तुम मुस्कुरा सको……..