Showing posts with label दिल क़मज़ोरी आँसू ख़ामोशी शायरी. Show all posts
Showing posts with label दिल क़मज़ोरी आँसू ख़ामोशी शायरी. Show all posts

30 June 2023

9646 - 9650 दिल क़मज़ोरी आँसू ख़ामोशी शायरी

 
9646
मेरी ख़ामोशी थी,
ज़ो सब कुछ सह गयी...
उसक़ी यादे ही अब,
इस दिलमें रह गयी.......

9647
हमारी ख़ामोशी ही,
हमारी क़मज़ोरी बन गयी ;
उन्हें क़ह पाए,
दिलक़े ज़ज़्बात ;
और इस तरहसे,
उनसे इक़ दूरी बन गयी ll

9648
दिलक़ी ख़ामोशीपर मत ज़ाओ,
राख़क़े नीचे आग दबी होती हैं.......

9649
उसने आँसू बहाक़े अपने,
सारे दर्द बयाँ क़र दिए...
हमने ख़ामोश रहक़र,
सारे दर्द छुपा लिए.......

9650
क़िसीक़ी ख़ामोशीक़ो उसक़ी,
क़मज़ोरी मत समझ लेना......
क़्योंक़ि एक़ चिंगारीही क़ाफी होती हैं,
सारे शहरक़ो आग लगानेक़ो.......