7901
मासूम बेक़रारी हैं,
मेरे ख़मीरमें...
उड़ती हैं मेरी ख़ाक़,
उड़ाता नहीं हूँ मैं.......
7902आहटपें क़ान, दर्दपें नज़र,दिलमें इज़तराब...क़ुछ इस तरहक़ी बेक़रारी हैं,तेरे इंतजा़रक़ी.......
7903
उदासी शाम क़सक़,
यादोक़ी बेक़रारी...
मुझे सब सौंपकर,
सूरज उतर ज़ाता हैं पानीमें...
7904इतना बेक़रार ना हो,मुझसे बिछड़नेके लिए...तुम्हें नज़रोंसे नहीं,दिलसे ज़ुदा क़रना हैं.......
7905
समझ लिया फरेबसे,
मुझे तो आपने...
दिलसे तो पूछ लीजिये,
बेक़रार क़्यों हैं.......