Showing posts with label दिलचस्प दीवार रहग़ुज़र इश्क़ ठोक़र शौक़ राह शायरी. Show all posts
Showing posts with label दिलचस्प दीवार रहग़ुज़र इश्क़ ठोक़र शौक़ राह शायरी. Show all posts

19 May 2022

8631 - 8635 दिलचस्प दीवार रहग़ुज़र इश्क़ ठोक़र शौक़ राह शायरी

 

8631
फ़िरे राहसे वो,
यहाँ आते आते...
अज़ल मर रही तू,
क़हाँ आते आते.......
                  दाग़ देहलवी

8632
दिलचस्प हो ग़ई,
तिरे चलनेसे रहग़ुज़र...
उठ उठक़े ग़र्द--राह,
लिपटती हैं राहसे.......
ज़लील मानिक़पूरी

8633
क़्या क़्या तिरे शौक़में,
टूटे हैं यहाँ क़ुफ़्र...
क़्या क़्या तिरी राहमें,
ईमान ग़ए हैं.......
                 सज्जाद बाक़र रिज़वी

8634
हमक़ो सँभालता क़ोई,
क़्या राह--इश्क़में...
ख़ा ख़ाक़े ठोक़रें हमीं,
आख़िर सँभल ग़ए.......!
अज़ीज़ हैंदराबादी

8635
अना अनाक़े मुक़ाबिल हैं,
राह क़ैसे ख़ुले...
तअल्लुक़ातमें हाइल हैं,
बातक़ी दीवार.......
                         हनीफ़ क़ैफ़ी