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मुझे जो दोस्ती हैं,
उसको दुश्मनी मुझसे...
न इख़्तियार हैं उसका,
न मेरा चारा हैं.......
7177मुझे दुश्मनसे,अपने इश्क़सा हैं...मैं तन्हा आदमीकी,दोस्ती हूँ.......बाक़र मेहदी
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जो दोस्त हैं वो माँग,
ते हैं सुल्हकी दुआ;
दुश्मन ये चाहते हैं कि,
आपसमें जंग हो.......!
लाला माधव राम जौहर
7179वफ़ापर दग़ा,सुल्हमें दुश्मनी हैं...भलाईका हरगिज़,ज़माना नहीं हैं.......
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हर क़दमपें नाकामी,
हर क़दमपें महरूमी...
ग़ालिबन कोई,
दुश्मन दोस्तोंमें शामिल हैं...!
अमीर क़ज़लबाश