Showing posts with label दुनिया दिन बात रिश्ता उम्र आँसू ग़म शायरी. Show all posts
Showing posts with label दुनिया दिन बात रिश्ता उम्र आँसू ग़म शायरी. Show all posts

29 May 2020

5941 - 5945 दुनिया दिन बात रिश्ता उम्र आँसू ग़म शायरी



5941
हमने सोचा के,
दो चार दिनकी बात होगी, लेकिन...
तेरे ग़मसे तो उम्रभरका,
रिश्ता निकल आया.......

5942
दुनिया भी मिली,
ग़म--दुनिया भी मिली हैं...
वो क्यूँ नहीं मिलता जिसे,
माँगा था खुदासे.......

5943
जब्त--ग़म कोई,
आसमान काम नहीं फ़राज़...
आग होते हैं वो आँसू,
जो पिये जाते हैं....

5944
मौत--हस्तीकी कश्मकशमें,
कटी तमाम उम्र....
ग़मने जीने दिया,
शौक़ ने मरने दिया.......!

5945
मुद्दतसे उसकी छाँवमें,
बैठा नहीं कोई...
वो सायादार पेड़,
इसी ग़ममें मर गया.......
                             गुलज़ार