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28 February 2017

1025 दूरियाँ ख्वाब हिचकियाँ शायरी


कुछ तो अपने और मेरे दरमियान रहने दे,
दूरियाँ चुभती हैं फिर भी रहने ही दे l
ख्वाब है तू तो टूट भी जायेगा ,
थोड़ी देर तू मेरी पलकोंपे अपनी अंगुलियाँ रहने भी दे l
इनका भी जब जब अपनोंसे दिल भर जायेगा,
हौंसला देंगी तुझे, ये हिचकियाँ रहने भी दे ...ll