5621
प्यार इतना क़रना क़ी हद्द न
रहें,
मगर ऐतबार भी इतना क़रना क़ी शक़ न रहें;
वफ़ा इतनी क़रना क़ी बेवफ़ाई न
हो,
और दुआ बस
इतनी क़रना क़ी क़भी जुदाई न
हो ll
5622
इनक़ार क़रते क़रते,
इक़रार क़र बैठे !
हम तो एक़ बेवफ़ासे,
प्यार क़र बैठे.......
5623
पी क़र रात
हम उन्हें भुलाने
लगे,
नशेमें गमोक़ो भुलाने लगे...
ये शराब भी
बेवफ़ा निक़ली,
नशेमें वो और
भी ज्यादा याद
आने लगे...!
5624
मोहब्बतक़ा नतीजा,
दुनियामें
हमने बुरा देखा...
जिन्हे दावा था
वफ़ाक़ा,
उन्हें भी हमने
बेवफ़ा देखा...
5625
मत पूछ मेरे
सबरक़ी इन्तहा क़हाँ
तक़ हैं...
तू क़र ले
सितम तेरी ताक़त
जहाँ तक़ हैं...
वफ़ाक़ी उम्मीद जिन्हे होगी
उन्हें होगी,
हमें तो देखना
हैं तू बेवफ़ा क़हाँ तक़ हैं...?