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7 April 2020

5691 - 5695 प्यार मंजिल मोहब्बत जिंदगी खुश खुशिया गम फितरत तबियत कफ़न साथ शायरी


5691
जिंदगी एक बारही सही,
लेकिन ऐसे शख्ससे जरूर मिलवाती हैं;
जिसके साथ हम अपना,
सबकुछ बाँटना चाहते हैं...!

5692
जब कोई हाथ और साथ,
दोनों ही छोड़ देता हैं...
तब खुदा कोई कोई,
उंगली पकड़नेवाला भेजही देता हैं...!

5693
उन लोगोके साथ गुजारा हो सकता हैं,
जिनकी तबियत ख़राब हो l
उनके साथ नहीं गुजारा जा सकता,
जिनकी फितरत ख़राब हो...ll

5694
दुनिया बहुत मतलबी हैं,
साथ कोई क्यों देगा ?
मुफ्तका यहाँ कफ़न नहीं मिलता,
तो बिना गमके प्यार कौन देगा...?

5695
साथ दो हमारा जीना हम सिखायेंगे,
मंजिल तुम पाओ रास्ता हम बनायेंगे,
खुश तुम रहो खुशिया हम दिलायेंगे,
तुम बस प्यार बने रहो मोहब्बत हम निभायेंगे !!!