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31 October 2016

683 फासले ऐतराज़ भुला अंदाज़ शायरी


683

Andaz, Spirit

फासले और बनालो...
ऐतराज़ हमने कब किया,
तुम भी ना भुला सकोगे मुझको...
वो अंदाज़ हूँ मैं . . .
Make all the Distances...
I never took Objection,
You will never forget me...
I am that Spirit . . .