8016
दिलक़े मुआमलातमें,
नासेह शिक़स्त क़्या...
सौ बार हुस्नपर भी,
ये इल्ज़ाम आ ग़या...
ज़िग़र मुरादाबादी
8017ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा,रंग़ीन तो हैं बदनाम सहीं...मुझपर तो क़ई इल्ज़ाम लगे,तुझपर भी क़ोई इल्ज़ाम सहीं...
8018
बेवफ़ा तो वो ख़ुद हैं,
पर इल्ज़ाम क़िसी और क़ो देते हैं l
पहले नाम था मेरा उनक़े लबोंपर,
अब वो नाम क़िसी और क़ा लेते हैं ll
8019तुमने हीं लग़ा दिया,इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई...अदालत भी तेरी थी,ग़वाह भी तू हीं थी.......!
8020
क़मालक़ा शख्स था,
ज़िसने ज़िन्दग़ी तबाह क़र दी...
राजक़ी बात हैं,
दिल उससे ख़फ़ा अब भी नहीं...