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23 September 2016

563 भले दिन खुशनुमा गुल मौसम जरूरत शायरी


563

Jarurat, Need

वो कौनसा दिन था जब तुम मिले थे
मौसम खुशनुमा था और गुल खिले थे
आज ना ही तुम हो और ना ही वो मौसम
क्या जरूरत थी तुम्हे मिलनेकी
हम तो पहले ही भले थे...!!!

Which day was that when you met me...
Ambience was Pleasant and Flowers were blooming...
Today neither you are there nor the Ambience...
What was that Need to meet me...
I was better even before...!!!