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20 February 2019

3946 - 3950 भूल याद आस साँस ख्वाहिशें शौक रिश्त परेशान दर्द सलाम दौलत दिल शायरी


3946
जब इंसान नए लोगोसे मिलता हैं...
तो पुराने लोगोको भूल जाता हैं;
लेकिन जब नया इंसान दिल दुखाता हैं,
तो याद पुराने ही आते हैं.......!

3947
ख्वाहिशें तो मेरी छोटी छोटी थी,
पूरी हुई तो बड़ी लगने लगीं...
टूटी जब आस दिलकी,
तो साँसे भी बोझ लगने लगीं...

3948
"कितना अजीब शौक पाला हैं मैंने,
दर्द भरा एहसास लिखनेका,
लिखूँ तो दिल परेशान,
और ना लिखूँ तो लोग परेशान...!"

3949
"नही चाहिए मुझे,
झूठे रिश्तोकी लंबी कतारे...
बस कोई एक शख्स दिलसे,
अपना ले मेरे लिए काफी हैं...

3950
कहाँ खर्च करूँ,
अपने दिलकी दौलत...!
यहाँ तो सब,
भरी जेबोंको सलाम करते हैं...!