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9 August 2016

491 मजबूत पत्थर चोट शायरी


491

Chot, Injury

जो भी आता हैं,
एक नई चोट देकर जाता हैं,
माना मैं मजबूत हूँ,
लेकिन पत्थर तो नहीं...!

Whoever comes,
Gives an Injury,
Though I am Strong...
Still not a Stone...!

8 August 2016

490 मजबूत पत्थर चोट शायरी


490

Samay, Time

समय बहाकर ले जाता हैं,
नाम और निशान...!
कोई 'हम' में रहता हैं,
और कोई, 'अहम' में...!!

Time Blows away,
Name and Sign...!
Some lives in Pride,
And other in Ego...!!