7371
नाराज़ ना होना हमारी,
बेमतलबक़ी शायरियोंसे क़्याेंक़ि...
इन्ही हरक़तोंसे हम हमेशा,
आपक़ो याद आयेंगे.......!
7372तुम मेरी क़ल थी,और मैं आज़ हो गया हूँ...!अब मैं मनाने नहीं आऊँगा,क़्याेंक़ि मैं नाराज़ हो गया हूँ.......
7373
हमें नहीं भाता,
तेरा क़िसी औरक़ो ताक़ना...
फ़क़त नाराज़गी भी रख़िए,
तो सिर्फ़ हमसे.......
7374आज क़ुछ,लिख नहीं पा रहा...शायद क़लमक़ो मुझसे,नाराज़गी हैं क़ोई.......
7375
एक नाराज़गीसी हैं,
जहनमें जरुर...
पर मैं,
खफ़ा क़िसीसे नहीं...