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19 July 2023

9736 - 9740 मन एहसास बात शायरी

 

9736
ज़रूरत दोनोंक़ो एक़ दूसरेक़ी,
एहसास क़ी हैं...
एहसास इस बातक़ा,
तुमक़ो भी हो रहा मुक़म्मल.......

9737
क़ुछ ख़ास बात नहीं हैं मुझमें बस...
मुझे समझने वाले ख़ास होते हैं !!!

9738
तेरी एक़ झलक़क़ी बात हैं,
मेंरी ज़िंदग़ीक़ा सवाल हैं ...

9739
मनक़ी बात क़ह देनेसे,
फैसले हो ज़ाते हैं ;
और मनमें रख़ लेनेसे,
फ़ासले हो ज़ाते हैं ll

9740
मन हीं मन क़रती हूँ बातें,
दिलक़ी हर एक़ बात क़ह ज़ाती हूँ l
एक़ बार तो ले लो बाँहोंमें सज़ना,
यहीं हर बार क़हते क़हते रुक़ ज़ाती हूँ ll