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15 March 2017

1089 मिलावट इश्क इत्र शराब महक बहक शायरी


1089
मिलावट हैं तेरे इश्कमें,
इत्र और शराबकी...,
वरना हम कभी महक,
तो कभी बहक क्यों जाते...!

1088 मिलावट इश्क इत्र शराब महक बहक शायरी


1088
छोटासा तालिका हैं
मेरी "ख़्वाहिशों" का l
पहले भी "तुम" और
आख़िरी भी "तुम" ll