10071
वो
अयादतको तो आया था,
मगर
जाते हुए...
अपनी
तस्वीरेंभी कमरेसे,
उठाकर
ले गया ll
अर्श
सिद्दीक़ी
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प्यार
गया तो कैसे मिलते रंगसे रंग,
और
ख़्वाबसे ख़्वाब l
एक
मुकम्मल घरके अंदर,
हर
तस्वीर अधूरी थी...ll
ग़ुलाम
मोहम्मद क़ासिर
10073
ख़ुशबू
गिरफ़्त-ए-अक्समें लाया,
और
उसके बाद...
मैं
देखता रहा,
तिरी
तस्वीर थक गई !
ग़ुलाम
मोहम्मद क़ासिर
10074
तिरी
तस्वीर तो,
वादेके
दिन खिंचनेके क़ाबिल हैं l
कि
शर्माई हुई आँखें हैं,
घबराया
हुआ दिल हैं ll
नज़ीर
इलाहाबादी
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रोज़
हैं दर्द-ए-मोहब्बतका,
निराला
अंदाज़...
रोज़
दिलमें तिरी तस्वीर,
बदल
जाती हैं ll
फ़ानी
बदायुनी