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29 November 2025

10071 - 10075 प्यार रंग ख़्वाब मुकम्मल अधूरी अयादत ख़ुशबू गिरफ़्त-ए-अक्स वादे क़ाबिल आँखें तस्वीर शायरी


10071
वो अयादतको तो आया था,
मगर जाते हुए...
अपनी तस्वीरेंभी कमरेसे,
उठाकर ले गया ll

                              अर्श सिद्दीक़ी


10072
प्यार गया तो कैसे मिलते रंगसे रंग,
और ख़्वाबसे ख़्वाब l
एक मुकम्मल घरके अंदर,
हर तस्वीर अधूरी थी...ll
ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

10073
ख़ुशबू गिरफ़्त-ए-अक्समें लाया,
और उसके बाद...
मैं देखता रहा,
तिरी तस्वीर थक गई !

                                         ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

10074
तिरी तस्वीर तो,
वादेके दिन खिंचनेके क़ाबिल हैं l
कि शर्माई हुई आँखें हैं,
घबराया हुआ दिल हैं ll
नज़ीर इलाहाबादी


10075
रोज़ हैं दर्द-ए-मोहब्बतका,
निराला अंदाज़...
रोज़ दिलमें तिरी तस्वीर,
बदल जाती हैं ll

                                        फ़ानी बदायुनी