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18 May 2019

4261 - 4265 मोहब्बत अफवाह आशिक याद फर्क बद्तमीज बेहया बेदर्द बेखबर इश्क़ शायरी


4261
अफवाह थी कि,
मुझे इश्क़ हुआ हैं...
लोगोंने पूछ पूछकर,
आशिक बना दिया.......!

4262
'इश्क़ और मोहब्बत क्या हैं,
मुझे नहीं मालुम...
बस तुम्हारी याद आती हैं,
सीधीसी बात हैं.......!'

4263
"तुमसे" मिलने और,
"तुझमें" मिलनेका जो...
फर्क हैं ना...
वही "इश्क़" हैं.......!

4264
बद्तमीज, बेहया, बेदर्द, होता हैं...
सुन बेखबर...
इश्क़ फिर भी...
इश्क़ होता हैं.......!

4265
इश्क़में अगर,
खाक ना हुए...
तो क्या खाक,
इश्क़ किया तुमने.......?