6931
हैरान कर दिया,
उसने आँसुओंकी वजह पूछकर...
जो शख्स कभी मुझको,
मुझसे ज्यादा जानता था.......
6932इशारा यहभी हैं, की आँखें चुराएँ...इशारा यहभी हैं, की नज़रें मिलाएँ...पर मोहब्बत उसे कहते हैं हुज़ूर...की वो बिन कहेही सब समझ जाएँ ll
6933
तेरी यादोंको पसंद आ गई हैं,
मेरी आँखोंकी नमी...
हँसनाभी चाहू तोभी,
रुला देती हैं तेरी कमी...
6934हिम्मत इतनी थी,समुन्दरभी पार कर सकते थे;मजबूर इतने हुए कि,दो बूँद आँसुओंने डुबो दिया...!
6935
गंगा सागरसे मिलकर बोली,
मुझे अपनेमें समाते तो...
फिरभी सागर कहलाते हो?,
सागर बोला अपने आँसुओंको...
दूरतक बरसाया हैं,
तब जाकर तुझको
पाया हैं.......!