1416
सिलसिला खत्म क्यों करना,
जारी रहने दो,
इश्क़में बाक़ी थोड़ी बहुत,
उधारी रहने दो...
1417
आज भी प्यारी हैं,
मुझे तेरी हर निशानी...
फिर चाहे वो दिलका दर्द हो,
या आँखोंका पानी...!
1418
आँखोंमें दोस्तो जो पानी हैं,
हुस्नवालोंकी ये मेहरबानी हैं,
आप क्यों
सर झुकाए बैठे हैं,
क्या आपकी भी यहीं कहानी हैं...?
1419
सोचा ना था,
वो शख्स भी इतना जल्दी साथ छोड जाएगा.......!
जो मुझे उदास देखकर कहता था,
"मैं हूँ ना".....!!
1420
मुद्दतोंके बाद जब उनसे बात हुई,
तो मैने कहां...
कुछ झूठ ही बोल दो...
और वो हँसके बोले,
तुम्हारी "याद" बहुत आती हैं.......