Showing posts with label शब्द गुलदस्ते खामोशियाँ पढ शायरी. Show all posts
Showing posts with label शब्द गुलदस्ते खामोशियाँ पढ शायरी. Show all posts

14 October 2016

627 शब्द गुलदस्ते खामोशियाँ पढ शायरी


627

Guldasta, Bouquets

कुछ नहीं हैं आज,
मेरे शब्दोंके गुलदस्तेमें,
कभी कभी मेरी,
खामोशियाँ भी पढ लिया करो…!
Nothing is there Today,
In my Bouquets of Words today...
Sometimes mine,
Read the Silence too...!