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30 June 2019

4431 - 4435 शौक मोहोब्बत जरूरत बदनाम याद आदत शायरी


4431
आदत थी मेरी,
सबसे हँसके बोलना...
मेरा शौक ही मुझे,
बदनाम कर गया...!

4432
मिलेंगे कभी तो,
खूब रुलायेंगे उन्हें...
सुना हैं रोते हुवे,
लिपट जानेकी आदत हैं उन्हें...!

4433
टूट जायेंगी उसकी,
ज़िदकी आदत उस वक़्त...
जब मिलेगी ख़बर उनको की,
याद करनेवाला अब याद बन गया हैं...!

4434
तुमने पूछा मुझसे,
मोहोब्बत हैं या जरूरत...
मैने गले तुम्हे लगाकर,
धीरेसे हाँ... आदत...!

4435
याद उसकी,
अभी भी आती हैं...
बुरी आदत हैं,
कहाँ जाती हैं...!