10091
तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं,
पर सचको भी कहां,
बयाँ कर पाती हैं…
10092
तस्वीरें बस रंग नहीं होतीं,
वो पल होते हैं,
जो लौटकर नहीं आते…
10093
तस्वीरमें भी,
कुछ रंग अधूरे हैं,
वो हँसी हैं पर,
आँखें अब भी उदास हैं…
10094
दीवार पर टंगी हैं,
तेरी तस्वीर,
पर वो आवाज़ें कहाँ,
जो कमरेमें गूंजती थीं…
तस्वीरें कभी,
झूठ नहीं बोलतीं,
बस वक़्तकी खामोशी,
बयाँ करती हैं…