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3 December 2025

10091 - 10095 सच झूठ पल अधूरे हँसी आँखें उदास दीवार गूंज वक़्त खामोशी तस्वीर शायरी

 
10091
तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं,
पर सचको भी कहां,
बयाँ कर पाती हैं…

10092
तस्वीरें बस रंग नहीं होतीं,
वो पल होते हैं,
जो लौटकर नहीं आते…

10093
तस्वीरमें भी,
कुछ रंग अधूरे हैं,
वो हँसी हैं पर,
आँखें अब भी उदास हैं…

10094
दीवार पर टंगी हैं,
तेरी तस्वीर,
पर वो आवाज़ें कहाँ,
जो कमरेमें गूंजती थीं…

10095
तस्वीरें कभी,
झूठ नहीं बोलतीं,
बस वक़्तकी खामोशी,
याँ करती हैं…