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15 June 2017

1400 सायें यकीन अंधेरा साया शायरी


1400
अपने सायेंसे भी ज्यादा,
यकी मुझे तुझपर हैं,
मेरे मालिक...
क्युँकी अंधेरोंमें तू मिल जायेगा,
पर साया नहीं मिलेगा...l