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7 September 2019

4691 - 4695 प्यार लफ्ज़ बन्दगी ज़िन्दगी दुनियाँ बेशक इंतजार यार तमन्ना जन्नत बेपनाह नादान शायरी


4691
प्यार कहो तो दो ढाई फ्ज़,
मानो तो बन्दगी;
सोचो तो गहरा सागर,
डूबो तो ज़िन्दगी;
करो तो आसान,
निभाओ तो मुश्किल;
बिखरे तो सारा जहाँ,
और सिमटे तो "तुम"...
"सिर्फ तुम".......!

4692
बेशक थोड़ा इंतजार मिला हमको,
पर दुनियाँका सबसे हसीं यार मिला हमको,
रही तमन्ना अब किसी जन्नतकी...
आपकी पनाहमें वो प्यार मिला हमको...।

4693
सादगी अगर हो लफ्ज़ोमें,
यकीन मानो, प्यार बेपनाह और...
यार बेमिसाल मिल ही जाता हैं...!

4694
धोखा मिला जब प्यारमें,
ज़िन्दगीमें उदासी छा गयी,
सोचा था छोड़ दें इस राहको,
कम्बख़त मोहल्लेमें दूसरी गयी...

4695
ये सांपोकी बस्ती हैं,
ज़रा देखके चल नादान...
यहाँका हर शख्स,
बड़े प्यारसे डसता हैं...