5126
मेरे सारे सवाल,
होठोपर ही
रह जाते हैं...
और तुम सारे
जवाब,
आँखोसे दे
जाती हो...!
5127
जवाब तो बहोत
थे,
मेरे लबोंपे लेकीन...
काश के उनके
होंठोपे भी,
कोई सवाल होता.......
5128
लिफाफेमें,
मेरे ही खतके टुकड़े थे;
और मुझे लगा
कि...
जवाब आया है.......
5129
बस यही सोच
कर,
किसी और
का हाथ नहीं
थामा मैंने...
किसी मोड़पर
तु तन्हा मिल
गयी,
तो क्या
जवाब दूँगा.......
5130
नशेमें आने
दे ऐ वक्त...
होश में रहकर,
तेरे सब जवाब...
नहीं दे सकतामैं.......