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3 December 2019

5126 - 5130 होठ लब खत मोड़ तन्हा आँखे सवाल जवाब शायरी


5126
मेरे सारे सवाल,
होठोपर ही रह जाते हैं...
और तुम सारे जवाब,
आँखोसे दे जाती हो...!

5127
जवाब तो बहोत थे,
मेरे लबोंपे लेकीन...
काश के उनके होंठोपे भी,
कोई सवाल होता.......

5128
लिफाफेमें,
मेरे ही खतके टुकड़े थे;
और मुझे लगा कि...
जवाब आया है.......

5129
बस यही सोच कर,
किसी और का हाथ नहीं थामा मैंने...
किसी मोड़पर तु तन्हा मिल गयी,
तो क्या जवाब दूँगा.......

5130
नशेमें आने दे वक्त...
होश में रहकर,
तेरे सब जवाब...
नहीं दे सकतामैं.......