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30 November 2016

797 हक़ीक़त गुमसुम इंसान पागल शायरी


797

Haqeeqat, Reality

हक़ीक़त कुछ,
और ही होती हैं,
हर गुमसुम इंसान,
पागल नहीं होता ll

The Reality is
Actually something else,
Every Silent person
Is not Mad .