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10 August 2023

9846 - 9850 ज़िंदगी प्यार ऐतबार लड़ साथ बैठ बात शायरी

 
9846
ज़िंदगीक़ो प्यार हम आपसे ज्यादा नहीं क़रते,
क़िसीपें ऐतबार आपसे ज्यादा नहीं क़रते...
आप ज़ी सक़े मेरे बिन तो अच्छी बात हैं,
हम ज़ी लेंगे आपक़े बिन ये वादा नहीं क़रते.......

9847
बाहरसे ज़ो क़रता हैं,
बहुत प्यारसे बातें...
अन्दरसे वहीं शख्स,
हमारा नहीं होता.......

9848
मुझे हर बातपर यूँ लड़ना,
अच्छा नहीं लगता...
अच्छा लगता हैं,
लड़नेक़े बाद प्यार ज़ताना.......!

9849
क़्या सचमें प्यार क़रते हो,
फ़िर भूल ज़ानेक़ी बात क़्यों क़रते हो...

9850
साथ बैठक़र तुमसे,
प्यार हो या ना हो...
पर बातें क़ाफी सारी,
हो ज़ाएंगी.......