छुआ था मुद्दतों पहले,
उनकी परछाईने एक पल,
हमारी रूह-ए-रंगत,
अभी तक जाफ़रानी हैं...!
1647
मेरी ज़िंदग़ी तेरे
साथ,
शुरू तो नहीं
हुई l
पर ख़्वाहिश हैं,
ख़त्म तेरे साथ
हीं हो ll
1648
मेरा हर लम्हा चुराया आपने,
आँखोंको एक ख्वाब दिखाया आपने,
हमें ज़िन्दगी दी किसी और ने,
पर प्यारमें जीना सिखाया आपने l
1649
ज़िन्दगीमें
बहुत ऐसे लोग होते हैं
,
जो ... वादे तो
नही करते,
लेकिन...
सब कुछ निभा
जाते हैं !!!
1650
पानी भी क्या अजीब चीज हैं...
नजर उन आँखोमें आता हैं,
जिनके खेत सुखे हैं.......