6866
तेरे इश्ककी दुनियामें,
हर कोई मजबूर हैं...
पलमें हँसी पलमें आँसू,
ये चाहतका दस्तूर हैं...
6867आँसूकी कीमत,जो समझली उन्होने...उन्हे भूलकरभी,मुस्कुराते रहे हम...
6868
आयेंगे तुझसे मिलने,
सितारोंकी रोशनीमें...
ऐ पत्थरके सनम,
एक आँसू अपनी,
बेवफ़ाईपें बहा देना...
6869आँसू हमारे गिर गए,उनकी निगाहसे...इन मोतियोंकी अब,कोई क़ीमत नहीं रही...
6870
हंसनेकी जुस्तजूमें,
दबाया जो दर्दको...
आँसू हमारी आँखमें,
पत्थरके
हो गए.......