2281
जानेवाले मुझे कुछ,
अपनी निशानी दे जा ;
रूह प्यासी न रहे ,
आँखमें पानी दे जा...!!!
2282
“इश्क" हैं साहब...
बचके रहियेगा.....
जो नसीब वालोंको 'बख्श' देता हैं,
और बदनसीबको 'अश्क' देता हैं.......!
2283
सबके चेहरेमें वह बात नहीं होती,
थोड़ेसे अँधेरेसे रात नहीं होती,
ज़िन्दगीमें कुछ लोग बहुत प्यारे होते हैं,
क्या करे उन्हीसे आजकल मुलाकात नहीं होती...
2284
हम तो नादान थे,
जो इतराके गा रहे थे,
सच तो ये हैं की,
महफील उनको देखने आयी थी...!
2285
रबने कितनोकी तकदीर संवारी हैं,
काश आज वो मुस्कुराके कह दे ...
आज तेरी बारी हैं . . . . . . . !