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24 September 2016

569 क़ैद सुना आवाज़ ग़ज़ल शायरी


569

Gazal, Poem

शायर तो हम हैं, शायरी बना देंगे,
आपको शायरीमें क़ैद कर लेंगे l
कभी सुनाओ हमें अपनी आवाज़...
आपकी आवाज़को हम ग़ज़ल बना देंगे ll

I am a Poet, shall make a Poetry,
Will Apprehend you in Poetry.
Make me Hear your Voice,
I will make Poem of your Voice.

568 क़ैद सुना आवाज़ ग़ज़ल शायरी


568

Haque, Right

तू चाँदमें सितारा होता,
आसमानके एक आशियानामें,
एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूरसे देखते,
नज़दीकसे देखनेका हक़ बस हमारा होता l

Would you be a Star on the Moon,
In the array of Homes,
One would be mine,
People would have watched you from a Distance,
I would have the Right of the Closer Look.