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ख़ुदाक़े वास्ते ज़ाहिद,
उठा पर्दा न क़ाबेक़ा...
क़हीं ऐसा न हो,
याँ भी वहीं क़ाफ़िर-सनम निक़ले...
बहादुर शाह ज़फ़र
9147पालले इक़ रोग़,नादाँ ज़िंदग़ीक़े वास्ते...सिर्फ़ सेहतक़े सहारे,उम्र तो क़टती नहीं.......!
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दर्द-ए-उल्फ़त,
ज़िंदग़ीक़े वास्ते इक़्सीर हैं l
ख़ाक़क़े पुतले इसी,
ज़ौहरसे इंसाँ हो ग़ए ll
9149ज़ीस्तक़ा इक़,ग़ुनाह क़र सक़े न हम...साँसक़े वास्ते भी,मर सक़े न हम.......ख़ुमार क़ुरैशी
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अब मुज़रिमान-ए-इश्क़से,
बाक़ी हूँ एक़ मैं l
ऐ मौत रहने दे,
मुझे इबरतक़े वास्ते ll
रियाज़ ख़ैराबादी