Showing posts with label
ज़िंदगी हस्ती मिट आशियाँ मुस्किल समझा अपना बना पल शायरी.
Show all posts
Showing posts with label
ज़िंदगी हस्ती मिट आशियाँ मुस्किल समझा अपना बना पल शायरी.
Show all posts
1077
हस्ती मिट जाती
हैं,
आशियाँ बनानेमें,
बहुत मुस्किल होती हैं
अपनोंको समझानेमें,
एक पलमेंमे
किसीको
भुला
ना देना,
ज़िंदगी
लग जाती हैं,
किसीको अपना
बनानेमें...