6816
आया नहीं था कभी,
मेरी आँखसे एक अश्कभी...
मोहब्बत क्या हुई अश्कोंका,
सैलाब आ गया.......
6817
तू इश्ककी,
दूसरी निशानी देदे मुझको ;
आँसू तो रोज,
गिरके सूख जाते
हैं.......
6818
तुम मुझे हँसी-हँसीमें,
खो तो दोगे...!
पर याद रखना, फिर...
आँसुओंमें ढ़ूंढ़ोगे.......
6819
आँसुओंसे
पलके भिगा लेता
हूँ,
याद तेरी आती
हैं तो रो
लेता हूँ l
सोचा की भुलादु
तुझे मगर,
हर बार फ़ैसला
बदल देता हूँ ll
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ज़िन्दगीकी ग़ज़लके शेरोंका...
आखिरी तजुर्बा तो आँसू
हैं.......!