2521
खुशियाँ बटोरते बटोरते
उम्र गुजर गई
,
पर खुश ना
हो सके,
एक
दिन एहसास हुआ
,
खुश तो वो
लोग थे जो
खुशियाँ बांट रहे
थे!
2522
कहाँ मांग ली
थी कायनात
जो इतनी मुश्किल
हुई-ऐ-खुदा...
सिसकते हुए शब्दोंमें बस एक,
शख्स ही तो
मांगा था...!!!
2523
न लिबासपें छींटें,
न खंजरपें कोई दाग,
तुम क़त्ल करते
हो,
या कोई
करामात.......
2524
मसला यह नहीं
की,
मेरा दर्द कितना
हैं...
मुद्दा ये हैं कि,
तुम्हें
परवाह कितनी हैं.......
2525
ज़िन्दगी
कभी आसान नही
होती,
इसे आसान बनाना
पड़ता हैं...
कुछ नज़र अंदाज
करके,
कुछको बर्दाश्त
करके!