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26 July 2016

431 जिंदगी किताब पन्ना हार जीत मंज़िल सार शायरी


431

Saar, Essence

कई जीत बाकी हैं...
कई हार बाकी हैं...
अभी तो जिंदगीका सार बाकी हैं,
चले हैं नयी मंज़िलके लिये,
यह तो एक पन्ना था;
अभी तो पुरी किताब बाकी हैं

Lot to win Now...
Some More to loose...
The Essence of the Life is still remaining,
Heading towards New Destination,
It was just a page;
The complete Book is Remaining.