4836
सिर्फ जहर ही,
मौत नहीं देता...
कुछ लोगोंकी बातें
ही,
काफी होती हैं...
4837
शिकायत मौतसे
नहीं,
अपनोंसे हैं साहब...
जरासी आँख
क्या लगी,
कब्र खोदने लगे.......
4838
सारी उम्र तो
कोई,
जीनेकी वजह
नहीं पूछता...
लेकिन मौतवाले
दिन,
सब पूछते है कि
कैसे मरे...
4839
बातें ना सुन
पाते उनकी,
लगती ये जिंदगी
बंजर हैं...
निगाहसे ही
करदे वो बया,
हाय अल्लाह, मौत भी
मंजूर हैं...
4840
मिल जाएँगे हमारी भी,
तारीफ करने वाले...
कोई हमारी मौतकी,
अफवाह तो फैलाओ.......!