7 October 2019

4836 - 4840 जिंदगी जहर शिकायत आँख बातें निगाह तारीफ अफवाह मौत शायरी


4836
सिर्फ जहर ही,
मौत नहीं देता...
कुछ लोगोंकी बातें ही,
काफी होती हैं...

4837
शिकायत मौतसे हीं,
अपनोंसे हैं साहब...
जरासी आँख क्या लगी,
कब्र खोदने लगे.......

4838
सारी उम्र तो कोई,
जीनेकी वजह नहीं पूछता...
लेकिन मौतवाले दिन,
सब पूछते है कि कैसे मरे...

4839
बातें ना सुन पाते उनकी,
लगती ये जिंदगी बंजर हैं...
निगाहसे ही करदे वो बया,
हाय अल्लाह, मौत भी मंजूर हैं...

4840
मिल जाएँगे हमारी भी,
तारीफ करने वाले...
कोई हमारी मौतकी,
अफवाह तो फैलाओ.......!

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