24 October 2019

4921 - 4925 मोहब्बत ख़्याल सनम बेपनाह साँस फुरसत खुशियाँ किस्सा उल्फत जिंदगी शायरी


4921
तुम कभी भी,
मोहब्बत आजमाके देखना मेरी...
हम जिंदगीसे हार जायेंगे,
मोहब्बतसे नहीं.......!

4922
तुम सोचो और ख़्याल पूरा हम करेंगे,
मोहब्बतमें दो रंग और ज्यादा भरेंगे;
तुझे अपनी जिंदगी माना है सनम,
आखरी साँसतक मोहब्बत बेपनाह करेंगे...

4923
यूँ तो काफी मिर्च-मसाले हैं,
इस जिंदगीमें...
तुम्हारे बिना जायका फिर भी,
फीका ही लगता हैं.......!

4924
ख़त्म कर दी थी जिंदगीकी,
सारी खुशियाँ तुमपर...
कभी फुरसत मिले तो सोचना की,
मोहब्बत किसने की थी.......!

4925
ना छेड़ किस्सा वह उल्फतका,
बड़ी लम्बी कहानी हैं;
मैं जिन्दगीसे नहीं हारा,
किसी अपनेकी मेहरबानी हैं...

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