5 October 2019

4831 - 4835 जिन्दगी जश्न खुशियाँ उम्र शौक रिश्ते बात आँख खयाल अंजाम शायरी


4831
हैं होश जब तक जिन्दगीमें,
जश्न होना चाहिए...
खुशियाँ बन जायें राधिका, 
मन कृष्ण होना चाहिए...!

4832
उम्रको हराना हो तो,
शौक सदा ज़िंदा रखिए...
घुटने चलें ना चलें,
मन उड़ता परिंदा रखिए...!

4833
रिश्ते मनसे बनते हैं बातोंसे नहीं,
कुछ लोग बहुतसी बातोंके बाद भी,
अपने नहीं होते...
और कुछ शांत रहकर भी अपने बन जाते हैं...!


4834
बात जूबाँपर लानेसे पहले, 
हमारी आँखोंसे बयाँ होती हैं...
मनकी कानोंसे इसे आप सुने,
तो कोई बात हो.......!
भाग्यश्री

4835
तुम इस कदर मेरे,
खयालोंका खयाल रख रहे हो...
मानो खयाल मेरे मनमे उभरनेसे पहले ही,
उसे अंजाम दे रहे हो.......!
                                                          भाग्यश्री

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